केदारनाथ धाम के यात्रियों के लिए अहम सूचना; यात्रा को लेकर यह गाइडलाइन जारी हुई, जरूर पढ़ लें, वरना आ सकती है परेशानी
Kedarnath Dham Pilgrims Guideline
Kedarnath Dham Pilgrims Guideline: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है। देशभर से लोग केदार बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कई पहुंच भी चुके हैं तो कई बीच सफर में हैं और कई ऐसे भी हैं जो यात्रा की योजना बना रहे हैं। लेकिन इस बीच केदारनाथ धाम के यात्रियों के लिए अहम गाइडलाइन जारी की गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने केदारनाथ धाम में खराब मौसम और बर्फबारी को देखते हुए यात्रियों को रूककर यात्रा करने को कहा है।
स्थानीय SP डॉ विशाखा ने कहा, "केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध है कि खराब मौसम और बर्फबारी के चलते सभी यात्री रूक-रूक कर यात्रा करें और मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए ही अपनी यात्रा को आगे बढ़ाएं। बतादें कि, इससे पहले भी केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर अलर्ट जारी जारी किया गया था। केदारनाथ आने वाले यात्रियों को सावधानी बरतने को कहा गया था।
8 भाषाओं में जारी हो रही गाइडलाइन
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि, केदार धाम सहित चारधाम यात्रा के लिए पूरे देश से लोग आते हैं। जिसे देखते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग ने एक पहल शुरू की है जिसके तहत 8 भाषाओं में गाइडलाइन जारी की जा रही है। इससे यात्री अपनी स्थानीय भाषा में गाइडलाइन का अच्छे से अध्ययन कर पाएंगे।
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25 अप्रैल को खुले हैं केदारनाथ के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट बीते 25 अप्रैल को ही खुले हैं। क्विंटलों फूलों की सजावट के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा और मंत्रोचारण के साथ केदारनाथ के कपाट सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए। इस दौरान स्थाननीय पड़ितों और पुरोहितों के साथ बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे अनेक श्रद्धालु भी पहुंचे हुए थे. कपाट खोले जाने के दौरान भी धाम में भारी बर्फबारी हो रही थी। केदारनाथ में हो रही भारी बर्फबारी के बावजूद भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
केदारनाथ की कहानी क्या है?
बतादें कि, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम है। यहां भगवान भोलेनाथ 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। वहीं 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
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